लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों के बीच खींचतान शुरू हो चुकी है। गौरतलब है कि एक तरफ जहां कांग्रेस हाल ही में 3 राज्यों में मिली विधानसभा जीत से काफी ज्यादा उत्साहित है। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी देश के अलग-अलग जगहों पर हुए चुनावों में जीत से खासी खुश है। हालांकि इसी बीच कांग्रेस और राहुल गांधी का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट अमेठी में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। जहां पर तकरीबन 13 सभासदों ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है।
बताते चलें कि अमेठी के यह तेरह सभासद अब तक कांग्रेस का समर्थन करते थे। तथा यह निर्दलीय से चुनाव जीतकर यहां तक पहुंचे थे। लेकिन शुक्रवार को भाजपा की तरफ से अमेठी प्रभारी मोहसिन रजा ने इन सभी तेरह निर्दलीय सभासदों को भाजपा की सदस्यता दिलाई। यही वजह है कि चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस से तेरह सभासदों की विदाई राहुल गांधी के लिए एक बड़ा झटका है। वहीं भारतीय जनता पार्टी 13 सभासदों के आने से बेहद खुश दिखाई दे रही है।
बताते चलें कि मोहसिन रजा ने सभी तेरह निर्दलीय सभासदों को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाते समय कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अब भी परिवारवाद की राजनीति करने से नहीं चूक रही है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी अमेठी में सिर्फ मौसम का मजा लेने आते हैं। जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के पैसे को जनता तक पहुंचाने का कार्य किया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी अपनी राजनीति में पूरी तरह से विफल रहे हैं, इसीलिए उन्होंने गांधी परिवार की आखरी सदस्य को भी राजनीति में उतार दिया है। हालांकि क्या वाकई में राहुल गांधी राजनीति में पूरी तरह से फेल हैं तथा क्या 13 सभासदों के भाजपा में जाने से कांग्रेस को कोई बड़ा नुकसान होगा।